प्राचार्य प्रमोशन शिक्षाकर्मियों लिए संकल्प से सिद्धि तक का सफर : शालेय शिक्षक संघ, संविलयन की जिद और संघर्ष में सफलता का पर्याय
दिव्यांग शिक्षक, 3% आरक्षण से न हो वंचित, शालेय शिक्षक संघ ने रिव्यू डीपीसी कर पदोन्नति देने की मांग पर शिक्षासचिव ने नियमानुसार कार्यवाही और रिव्यू डीपीसी में अवसर देने की कही बात.
अविभाजित मध्यप्रदेश के समय तत्कालीन दिग्विजय सरकार द्वारा नियमित शिक्षकों के पद विरुद्ध स्थानीय निकायों के जरिये अत्यंत अल्प मानदेय पर *शिक्षाकर्मी* नामक बिना विभाग के पद को सृजित कर शिक्षित बेरोजगारों के नियमित शिक्षक बनने के सपनो को कुठाराघात किया गया था, रोजगार की चाह में शिक्षित बेरोजगारों के पास मात्र 500 रुपये की नौकरी स्वीकार करने के अलावा और कोई चारा नही था। फिर जब छग अलग हुआ तो तत्कालीन मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने शिक्षाकर्मी से एक स्टेप नीचे जाकर *संविदा शिक्षक* की भर्ती करने लगे। 1994 से नियमित शिक्षक की भर्ती बंद होने से लेकर 2018 में संविलियन होने तक शिक्षाकर्मियों का जीवन अत्यंत संघर्षमय रहा। इस संघर्ष में शालेय शिक्षक संघ की अहम भूमिका रही। प्रांताध्यक्ष वीरेंद्र दुबे के नेतृत्व में इनकी टीम ने संविदा शिक्षक से पहले शिक्षाकर्मी फिर शिक्षाकर्मी से नियमित शिक्षक और अब *प्राचार्य* बनने तक,अपनी कुशल रणनीति, जुझारू और निडर नेतृत्व तथा ईमानदार संघर्ष के प्रयासों के बल पर प्रदेश के शिक्षकों में प्रभावी छाप छोड़ रखा है।
*शालेय शिक्षक संघ के प्रांताध्यक्ष वीरेंद्र दुबे* ने प्राचार्य प्रमोशन में पदोन्नति पाने वाले शिक्षक एल बी संवर्ग को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इस मुकाम तक पहुचने में जो गर्वानुभूति हो रही है उसे वही महसूस कर सकता है जिसने वर्षों संघर्ष किया है और अनेकों दमनात्मक कार्यवाहियां झेली है। शिक्षाकर्मी इतिहास में यह दिन स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा जब हमारे एल बी संवर्ग के साथी प्राचार्य बनकर स्कूलों का नेतृत्व करेंगे।
शालेय शिक्षक संघ के महासचिव धर्मेश शर्मा ने सभी पदोन्नत प्राचार्यो को बधाई देते हिये कहा कि अनियमित कर्मचारी से संस्थाप्रमुख बनना गर्व की बात है। संगठन व शिक्षक साथियों का संघर्ष ही सफलता का कारक है। T संवर्ग में प्राचार्य पदोन्नति हो चुकी है और अब E संवर्ग में भी काउंसलिंग की तिथि आ चुकी है। शालेय शिक्षक संघ ने सामान्य प्रशासन विभाग के 2014 के एक आदेश के तहत दिव्यांगजन शिक्षकों को पदोन्नति में 3% नियमानुसार आरक्षण की माँग उठाई थी, फिर 2025 में पुनः सामान्य प्रशासन विभाग ने यह आरक्षण देने हेतु निर्देशित किया है। इसी मुद्दे को लेकर संगठन के महासचिव ने शिक्षा सचिव से मुलाकात की और प्राचार्य पदोन्नति में डीपीसी रिव्यू करने की मांग की, जिससे पात्र शिक्षको को इसका लाभ मिल सके। धर्मेश शर्मा में बताया कि सचिव महोदय ने नियमानुसार कार्रवाई व रिव्यू डी पी सी में अवसर प्रदान करने की बात कही है।
*शालेय शिक्षक संघ के कार्यकारी अध्यक्ष चन्द्रशेखर तिवारी, प्रांतीय मीडिया प्रभारी जितेंद्र शर्मा तथा दंतेवाड़ा जिलाध्यक्ष सन्तोष मिश्रा* ने संगठन के ज्ञापन को प्रेस को देते हुए कहा कि संगठन के सार्थक प्रयासों के चलते ही सबसे पहले व्याख्याता की वरिष्ठता सूची का संशोधन किया गया व अपात्र शिक्षको के नाम हटाये गए,जिससे प्राचार्य पदोन्नति में आ रही बाधाएं समाप्त हुई और अब तो T संवर्ग में नव पदोन्नत प्राचार्यो की पदस्थापना भी हो गई। E संवर्ग में भी अब काउंसलिंग होने वाला है। दिव्यांग शिक्षक साथियों को उनका अधिकार मिले इसके लिए संगठन प्रयासरत है।
*वीरेंद्र दुबे*
प्रांताध्यक्ष
*छग शालेय शिक्षक संघ*
