छत्तीसगढ़ के विज्ञान शिक्षकों ने जाना कैसे होती है IIT जैसे बड़े संस्थानों मे औद्योगिक अनुसन्धान

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छत्तीसगढ़ के विज्ञान शिक्षकों ने जाना कैसे होती है IIT जैसे बड़े संस्थानों मे औद्योगिक अनुसन्धान
रायपुर। (राष्ट्रीय अविष्कार अभियान् प्रशिक्षण मे कोरबा से शिक्षक लोकनाथ सेन और नेहा सिंह हुए शामिल)*_
कोरबा/चांपा (04.03.2025) नई शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) के अंतर्गत भारतीय प्रद्योगिकी संस्थान (IIT) भिलाई मे विगत दिनों राष्ट्रीय अविष्कार अभियान शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। 27 फरवरी से 01 मार्च 2025 तक समग्र शिक्षा के माध्यम से आयोजित इस प्रशिक्षण मे राज्य के 51 प्राथमिक और पूर्व माध्यमिक स्तर के विज्ञान पढ़ाने वाले शिक्षकों ने भाग लिया। इस प्रशिक्षण मे IIT Bhilai के प्रोफेसर द्वारा शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया गया यह ऐसा पहला अवसर था जब छत्तीसगढ़ स्थिति भारतीय प्रद्योगिकी संस्थान द्वारा राज्य के शिक्षकों को सीधा प्रशिक्षण का अवसर मिला। प्रथम दिवस उद्घाटन सत्र मे संस्थान मे प्रमुख प्रोफेसर राजीव प्रकाश जी मुख्य अतिथि के रूप मे सम्मिलित हुए। उन्होंने वर्तमान परिस्थिति मे न्यू एजुकेशन पॉलिसी कि आवश्यकता, महत्व और होने वाले बदलाव को विस्तार से समझाया। अब हमे वैज्ञानिक खोज, तकनीकी और अविष्कार के लिए पश्चिम कि ओर देखने कि आवश्यकता नहीं, हम अपने देशी तकनीक से चांद तक पहुंच गये है। हमने कोरोना जैसी महामारी कि दवाई बनाकर दिखा दिया कि हमारे देश के वैज्ञानिक अनुसन्धान अन्य से बेहतर है। हमे अब अपने इतिहास, वेदो, पुराणों और संस्कृति सभ्यता मे समाहित विज्ञान से विश्व को परिचय कराने का मौका आ गया है। प्रशिक्षण मे iit के प्रोफेसर्स् द्वारा शिक्षकों को नवीन तकनीकी और शिक्षा से अवगत करवाया गया। डॉ शेषा द्वारा वर्तमान समय मे भौतिकी के नए आयामो से शिक्षकों को अवगत करवाया, डॉ असरीफा मैम द्वारा वर्तमान गणितीय अवधारणाओ से बच्चों मे कैसे हायर ऑर्डर थिंकिंग डेवलप कर सकते है। द्वितीय दिवस डॉ नागेश पाटिल द्वारा द्रव प्रवाह मे छुपे विज्ञान के माध्यम से बताया कि हम कैसे ऐसे जटिल वैज्ञानिक अवधारणों को अपने दैनिक जीवन के उदाहरण के माध्यम से आसानी से बता सकते है। डॉ गगन और डॉ प्रवेश द्वारा वर्तमान शिक्षा पद्धति और नवीन शिक्षा नीति मे बेसिक बदलाव को बताते हुए हमे विद्यालय मे अब कैसे शिक्षा हेतु व्यवहार करना है कैसे प्रायोगिक ज्ञान देना बताया गया। प्रशिक्षण के द्वितीय दिवस समस्त शिक्षकों को iit bhilai के विभिन्न विभागों का निरीक्षण करते हुए, वहा होने वाले प्रयोगो वैज्ञानिक अविष्कारों को बताया गया। अंतिम दिवस इस कार्यक्रम के समन्वयक डॉ महबूब आलम द्वारा प्रशिक्षण के मूल उद्देश्य और अब तक के प्रशिक्षण को बच्चों के बिच कैसे ले जाये इस पर चर्चा किया गया । उन्होंने कहा यह औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान आपका है छत्तीसगढ़ के लोगो को इसका अधिक से अधिक लाभ मिले हमारा यही प्रयास रहता है। आप सभी यहा राज्य मे पढ़ने वाले बच्चों को निरीक्षण करवाने, नवीन तकनीक से अवगत कराने। यहा शैक्षणिक भ्रमण मे लाइये हम सभी का स्वागत करते है। विद्यालय से एक सूचना हमारे डायरेक्टर को मेल के माध्यम से देकर iit भिलाई तक लाने कि व्यवस्था करनी है बांकी सरकारी विद्यालयों के बच्चों कि व्यवस्था iit भिलाई के द्वारा किया जायेगा। अंत मे समग्र शिक्षा के APC सहायक प्रोग्राम अधिकारी आर के चाफेकर सर द्वारा सभी शिक्षकों को सम्बोधित किया गया एवं प्रशिक्षण से प्राप्त जानकारी से शिक्षकों द्वारा विद्यालय के बच्चों मे नवीन सोच विकसित करने कि बात कही गयी। iit भिलाई के द्वारा प्रशिक्षण के आयोजन एवं व्यवस्था के लिए धन्यवाद दिया गया। उक्त प्रशिक्षण के समापन मे समस्त प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किया गया कोरबा जिले का प्रतिनिधित्व शास पूर्व माध्यमिक शाला अमलडीहा के शिक्षक लोकनाथ सेन एवं प्राथमिक शाला फ़र्टिलाइज़र के सहायक शिक्षिका नेहा सिंह द्वारा किया गया।

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