ईश्वरीय विश्व विद्यालय के 89 वीं त्रिमूर्ति शिव जयंती मनाई गई

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ईश्वरीय विश्व विद्यालय के 89 वीं त्रिमूर्ति शिव जयंती मनाई गई
गरियाबंद: गरियाबंद स्थित प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज ईश्वरीय विश्वविद्यालय सेवाकेंद्र में महाशिवरात्रि के अवसर पर ईश्वरीय विश्वविद्यालय के 89 वीं त्रिमूर्ति शिव जयंती महोत्सव धूमधाम से मनाई गई. कार्यक्रम में राजस्थान स्थित माउंट आबू से पधारे धार्मिक प्रभाग के जोनल कोऑर्डिनेटर ब्रह्मा कुमार नारायण भाई ने महाशिवरात्रि के बारे में अपने उद्बोधन में बताया कि यह सृष्टि के महा परिवर्तन का समय चल रहा है आत्मा और प्रकृति का इस सृष्टि पर खेल चलता रहता है। आत्मा जब संपूर्ण रीति से तमोप्रधान , शक्तिहीन हो जाती है तो यह सृष्टि भी तमो प्रधान बन जाती है। वर्तमान इस सृष्टि को पुनः सतो प्रधान बनाने के लिए परमात्मा शिव का अवतरण होता है। परमात्मा शिव के द्वारा सिखाए जा रहे ज्ञान और योग के द्वारा हम अपनी सोई हुई चेतना को आध्यात्म के द्वारा जगा कर त्याग, तप , संयम ,साधना के मार्ग पर चलते हैं तो चेतना में महान परिवर्तन होने लगता है । देहभान ,उच्च नीच, जाति पाति का भेद बुलाकर हम जीवन के महान लक्ष्य की और बढ़ने में प्रेरित होते हैं। परिवर्तन प्रकृति का नियम है इसी नियम के तहत 5000 वर्ष में एक बार आत्मा परमात्मा का महा मिलन का मेला लगता है। वर्तमान में यह वही संगम युग चल रहा है आप भी इस महामिलन के साक्षी बनाकर जीवन को दिव्या, महान ,आदर्श मय बना सकते हैं । भगवान शिव की याद में व्यर्थ विचारों से दूर रहने की प्रतिज्ञा करते हुए ध्वजारोहण किया गया, । संस्था संचालिका ब्रह्माकुमारी बिंदु दीदी ने बताया कि शिव परमात्मा द्वारा अपने साकार माध्यम प्रजापिता ब्रह्मा द्वारा 1937 में स्थापित अंतरराष्ट्रीय सामाजिक आध्यात्मिक संस्था है. संस्था को संयुक्त राष्ट्र संघ में संस्था के रूप में मान्यता प्राप्त है. विश्व के 140 देशों में 10 हजार से अधिक शाखाओं के माध्यम से संस्था आध्यात्मिक ज्ञान, राजयोग मेडिटेशन और स्व सशक्तीकरण की नि:शुल्क शिक्षा प्रदान करती है. दीदी ने कहा कि आज विश्व में शांति और भाईचारे के लिए अनेक प्रयास हो रहे हैं। फिर भी दुनिया की स्थिति बिगड़ती जा रही है। इसका एकमात्र समाधान है कि हम स्वयं को पहचानें। सभी धर्मों में एक ही परमपिता परमात्मा को अलग-अलग नामों से पुकारा जाता है। महाशिवरात्रि परमात्मा के अवतरण का यादगार पर्व है। यह अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है। भारत में परमात्मा के गुणों और कर्तव्यों के यादगार के रूप में बारह ज्योतिर्लिंग स्थापित हैं।

*इनकी रही मोजूदगी*

कार्यक्रम में नवनिर्वाचित नगर पालिका अध्यक्ष श्री रिखी राम यादव, पार्षद श्री सुरेन्द्र सोनटेके, नगर पालिका इंजीनियर श्री अश्वनी वर्मा जी, पार्षद बहन रेणुका साहूजी, बहन बिंदु सिन्हा जी , बहन पुष्पा साहू जी, कार्यकर्ता श्री तनु साहू जी, श्रीमती व्यापारी संघ अध्यक्ष श्री हरीश ठक्कर जी, श्री विकाश पारख जी, धर्मेंद्र भाई जी, शिक्षा जगत से जुड़े श्री गंगा सागर जी, छ. ग़. शासन राज्यपाल सम्मानित शिक्षाविद एवं समाजसेवी डॉक्टर ओमप्रकाश वर्मा जी, श्री अनुप महडिक जी एवं अन्य प्रभागों से जुड़े सैकड़ों श्रद्धालु सहित, गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति रही.।

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