अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति की बैठक सम्पन्न — 2 नवम्बर को बिलासपुर में होने वाले राष्ट्रीय अधिवेशन की तैयारियों पर गहन मंथन।

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सारंगढ़ – पत्रकारों की सुरक्षा और अधिकारों को लेकर निरंतर उठ रही आवाज़ को और मजबूत करने के उद्देश्य से अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति की एक महत्वपूर्ण बैठक सारंगढ़ के मरार पटेल भवन में संपन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष नरेश चौहान ने की, जबकि कार्यक्रम का संचालन श्याम कुमार पटेल ने किया। इस बैठक में जिले के सभी ब्लॉकों से बड़ी संख्या में पत्रकारों ने हिस्सा लिया और एकजुट होकर पत्रकार सुरक्षा कानून की माँग को लेकर चर्चा की।बैठक का मुख्य एजेंडा आगामी राष्ट्रीय अधिवेशन की तैयारी रहा, जो 2 नवम्बर 2025 को बिलासपुर में आयोजित किया जाएगा। इसमें देशभर से पत्रकार प्रतिनिधियों के शामिल होने की संभावना है। बैठक में यह तय किया गया कि सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले से एक बड़ा प्रतिनिधिमंडल अधिवेशन में भाग लेकर प्रदेश की आवाज़ को राष्ट्रीय मंच तक पहुँचाएगा।

पत्रकारों ने रखे अपने विचार

बैठक को संबोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष गोविन्द शर्मा ने कहा कि पत्रकारों की सुरक्षा और सम्मान के लिए अब केवल मांगें पर्याप्त नहीं, बल्कि ठोस कानून की आवश्यकता है। उन्होंने कहा —

“पत्रकार समाज का आईना हैं, लेकिन आज वही आईना कई बार टूटने की स्थिति में पहुँच गया है। लगातार बढ़ते हमले, झूठे मुकदमे और दवाब की राजनीति के बीच अब पत्रकार सुरक्षा कानून लागू होना समय की सबसे बड़ी ज़रूरत है।”

जिलाध्यक्ष नरेश चौहान ने कहा कि बिलासपुर अधिवेशन पत्रकारिता के इतिहास में एक मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने जिले के सभी पत्रकारों से अधिकाधिक संख्या में अधिवेशन में भाग लेने की अपील की ताकि पत्रकार सुरक्षा कानून को लेकर सामूहिक शक्ति का प्रदर्शन किया जा सके।

संगठित आंदोलन की आवश्यकता पर बल

बैठक में उपस्थित वरिष्ठ पत्रकारों ने कहा कि पत्रकारों की सुरक्षा, सम्मान और अधिकारों की रक्षा के लिए केवल आवाज़ उठाना पर्याप्त नहीं है, अब संगठित आंदोलन का समय आ चुका है। अधिवेशन में इस दिशा में ठोस प्रस्ताव पारित किए जाएंगे ताकि प्रदेश ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी पत्रकार सुरक्षा कानून को मजबूती से लागू कराया जा सके।

देवराज दीपक ने कहा — “जिला संगठन पूरी मजबूती से साथ है”

देवराज दीपक, कार्यकारिणी जिलाध्यक्ष, अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति, सारंगढ़-बिलाईगढ़ ने कहा कि जिला संगठन पूरी मजबूती से प्रदेश नेतृत्व के साथ खड़ा है। उन्होंने विश्वास जताया कि अधिवेशन में जिले का प्रतिनिधित्व शानदार रहेगा और यह अधिवेशन पत्रकारों की एकजुटता का प्रतीक बनेगा।

क्षेत्रीय मुद्दों पर भी हुई चर्चा

बैठक में विभिन्न ब्लॉकों से आए पत्रकारों ने अपने-अपने क्षेत्र की समस्याएँ साझा कीं — जैसे स्थानीय प्रशासन से संवाद की कमी, दबाव की राजनीति, और पत्रकारों पर हो रहे बढ़ते हमले। सभी ने इस बात पर सहमति जताई कि अब पत्रकारों को एक मंच से संगठित होकर अपनी सुरक्षा के लिए संघर्ष करना होगा।

जोश और एकजुटता से भरा रहा माहौल

बैठक के अंत में यह निर्णय लिया गया कि सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले से पत्रकारों का एक प्रतिनिधिमंडल बिलासपुर अधिवेशन में शामिल होकर पत्रकार सुरक्षा कानून की माँग को राष्ट्रीय स्तर पर मजबूती से रखेगा। पूरे कार्यक्रम के दौरान माहौल जोश, एकजुटता और संकल्प से भरा रहा। उपस्थित पत्रकारों के चेहरे पर एक ही उम्मीद झलक रही थी —

पत्रकार सुरक्षा कानून अब केवल माँग नहीं, बल्कि आंदोलन का स्वर बने।”

बैठक में उपस्थित प्रमुख पत्रकार

नरेश चौहान, देवराज दीपक, सुनील टंडन, कृष्ण कुमार महिलाने, दिनेश जोल्हे, दीनानाथ जाटवर, अशोक मनहर, मिथुन यादव, डोरीलाल चंद्रा, समीप अनंत, शम्भू पटेल, अजय जोल्हे, टीकाराम सहिस, भागवत साहू, बादल सोनी, युवराज सिंह निराला, मोहन लहरे, भूपेंद्र चंद्रा, श्याम कुमार पटेल, महेन्द्र कांत साहू, राजेश नेताम, मनीष टंडन, पिंगध्वज खण्डेकर, सुधीर चौहान, शुकदेव दीवान, अजय साहू, आशीष दास महंत, गुलशन लहरे, सतीश जोल्हे सहित सैकड़ों पत्रकार उपस्थित रहे।