छात्र-छात्राओं के साथ अमानवीय व्यवहार।

10 मिनट देरी पर प्रिंसिपल ने 20 बच्चों को स्कूल से बाहर निकाला।
रायगढ़ – शासन के तमाम दावों और शिक्षा के अधिकार की गूंज के बीच शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कोलम चितवाही का चौंकाने वाला चेहरा सामने आया है। यहां आज (21 अगस्त 2025) मात्र 10 मिनट की देरी से पहुंचे करीब 15 से 20 छात्र-छात्राओं को प्रिंसिपल टेकलाल पटेल ने अपमानित करते हुए स्कूल से बाहर भगा दिया।
छात्रों का कहना है कि सुबह की प्रार्थना समाप्त होने के बाद लगभग 15 से 20 छात्र- छात्रा कक्षा में प्रवेश करने पहुंचे, लेकिन प्रिंसिपल ने उन्हें “भागो, घर जाओ” कहकर गेट से बाहर कर दिया। इतना ही नहीं, कक्षा 12वीं के विद्यार्थियों तक को पढ़ाई से वंचित कर दिया गया। छात्रों ने बताया कि कई साथी फोटो-कॉपी कराने में थोड़ी देर से लौटे थे, लेकिन उन्हें भी किसी तरह की सफाई या सुधार का मौका नहीं दिया गया। और तो और, दो बच्चों को भीतर बुलाकर पढ़ाई जारी रखने दिया गया, जबकि बाकी सभी को बाहर खड़ा कर घर जाने का फरमान सुनाया गया।
गांव के लोग भी आक्रोशित….
बाहर खड़े ग्रामीणों ने भी इस रवैये की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि – “बच्चों को शिक्षा से वंचित करना अपराध है। शिक्षा मंदिर में भेदभाव और अपमान की कोई जगह नहीं होनी चाहिए।”ग्रामीणों और अभिभावकों ने शिक्षा विभाग से सवाल उठाया है कि बच्चों को पढ़ाई से वंचित करने का अधिकार किसी भी प्रिंसिपल को किसने दिया? उनका कहना है कि ऐसे गैरजिम्मेदार और अमानवीय व्यवहार करने वाले प्रिंसिपल पर तत्काल निलंबन की कार्रवाई की जानी चाहिए, ताकि भविष्य में कोई भी जिम्मेदार छात्र-छात्राओं के साथ इस तरह का अमानवीय व्यवहार करने की हिम्मत न कर सके।