प्राथमिक शाला मे कक्षा वार शिक्षक की व्यवस्था करें सरकार।

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राजनांदगांव – शासन द्वारा अभी युक्तियुक्तकरण का सरक्युलर निकाला गया है उसमे कुछ सुधार किया जाए तो शिक्षा व्यवस्था पटरी पर आ सकती है. राजनांदगाव जिले के शालेय शिक्षक संघ के जिला उपाध्यक्ष सुशील शर्मा ने एक विज्ञप्ति के माध्यम से बताया कि पहले पदोन्नति हो फिर हर प्राइमरी स्कूल में 3 से 5 शिक्षक अनिवार्य हो ! सबसे ज्यादा काम जमीनी स्तर में प्राइमरी स्कूल के शिक्षक को करना पड़ता है ।जब बुनियादी शिक्षा एवं साक्षरता की बात करते हैं तो एक विचारणीय प्रश्न आता है प्राथमिक शाला में 5 कक्षाएं जिसमें 1 या 2 शिक्षक हैं तो कहां से कहाँ से साक्षरता आएगी ! वहीं मिडिल या हाईस्कूल में विषय के अनुरूप शिक्षक चाहिए होता है व है,,, तो कम से कम प्राइमरी स्कूलों में विषय के अनुरूप नही तो कक्षा के अनुसार तो शिक्षक होना चाहिए तभी तो ps वाले मिडिल या hs, hsc स्कूलों में दक्ष बच्चे भेजेंगे,,नही तो ms या hs वाले बोलते रहेंगे कि जो ps से बच्चे आये हैं उन्हें नाम लिखना नही आता ! सोचिए ps में 5 कक्षा 1 या 3 शिक्षक विषय अनुसार तो छोड़िए कक्षा के अनुसार शिक्षक नही और गुणवत्ता चाहेंगे तो कहां से आएगी !

शासन व संगठन को चाहिए कि प्रथम ps में कम से कम कक्षावार शिक्षक की व्यवस्था करें,,तभी बुनियादी साक्षरता एवं संख्यात्मक ज्ञान आगे की कक्षाओं के लिए बच्चे तैयार हो पाएंगे ! अधिकतर लोग उच्च कक्षाओं में विषय के अनुरूप शिक्षक हों सोचते हैं या चाहते हैं लेकिन प्राथमिक में विषय नही तो प्रत्येक कक्षा के लिए 1 शिक्षक चाहिए ये क्यों नही सोचते !   भले ही उच्च कक्षाओं में शिक्षक कम हो लेकिन बुनियादी साक्षरता चाहते हो तो ps के लिए प्रत्येक कक्षा के अलग अलग शिक्षक की नियुक्ति हो ! नही तो ps को सिर्फ़ दार-भात वाले स्कूल माना जाए !

   सुशील शर्मा

  जिला उपाध्यक्ष

शालेय शिक्षक संघ राजनांदगाव

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