3 दिसंबर दिव्यांगजन दिवस विशेष : दिव्यांग शिक्षक को मिली वनांचल में पोस्टिंग ,संशोधन के अभ्यावेदन को अनसुनी करता शिक्षा विभाग क्या यही है विष्णु का सुशासन है
3 दिसंबर दिव्यांगजन दिवस विशेष : दिव्यांग शिक्षक को मिली वनांचल में पोस्टिंग ,संशोधन के अभ्यावेदन को अनसुनी करता शिक्षा विभाग क्या यही है विष्णु का सुशासन है
गरियाबंद। गरियाबंद जिले के प्रशासनिक अव्यवस्था का आलम यह है की एक दिव्यांग शिक्षक को प्रधान पाठक पद पर पदोन्नति देकर जबरदस्ती वनांचल में पदस्थापना कर दी गई ज्ञात हो की गरियाबंद ब्लॉक में गत दिनों सहायक शिक्षक से प्राथमिक प्रधान पाठक पद पर पदोन्नति कुल तीन शिक्षक पदोन्नत हुये जिनके लियॆ 36रिक्त पदों के विरुद्ध महज 6रिक्त स्थानों को कौंसिलिंग में दिखाया गया तीन शिक्षकों में एक महिला दो पुरुष शिक्षक थे काउंसिलिंग में महिला को क्रम में पहले स्थान पर बुलाया गया महिला शिक्षिका संतोषी पटेल ने 6शालाओं में से निवास के नजदीक के शाला कोकडी को चयन किया उसके बाद सीनियारिटी क्रम में दूसरा शिक्षक मुकुंद कूटारे गये उसने सोहागपुर स्कूल का चयन किया तीसरे क्रम में शिक्षक इदरीश खान गये जिनके लिये शेष बचे शाला आश्रम भौंदी ,कुकरार ,अमलोर ,पीपलाकन्हार दिखाया गया उसने काउंसिलिंग से असहमति दी।
ठीक 13नवंबर को बाइक दुर्घटना में शिक्षक इदरीश खान के बाएं पैर जो पूर्व 2013में दुर्घटना में सर्जरी हुआ था घुटने के पास चोट लग जाने से पुनः क्षति ग्रस्त हो गया।
असहमति देने के चलते उसको 14नवंबर को पुनः री काउंसिलिंग में बुलाया स्वास्थ्यगत कारणों से नहीं पहुंच पाया अभ्यावेदन प्रस्तुत कर अवसर की मांग की और उसने किसी आवागमन सुविधा से लगी शाला में पदस्थापना की मांग की परंतु दिव्यांगता अस्वस्थता को नजर अंदाज करते हुये जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय ने शेष बचे 4शालाओं में से ही किसी शाला में पदस्थापना लेने के लियॆ दबाव बनाया ।उसने पुनः असहमति दी तो प्रशासनिक आदेश के तहत वनांचल के दुर्गम शाला पीपलाकन्हार में पदस्थापना दे दी। जहा पहुंचने कच्चा मार्ग जंगल और पैरी नदी पार करना पड़ेगा।
वहीं उक्त शिक्षक एक दिव्यांग है लंबी दूरी पैदल चल नहीं सकता एक पैर में ज्यादा जोर नहीं लगा सकता सर्वाइकल का मरीज है जो निवेदन आवेदन करने के बाद भी पदस्थापना में संशोधन नहीं किया जा रहा।
दिव्यांग जन दिवस पर न्याय के लियॆ भटकते दिव्यांग शिक्षक और दूसरी तरफ दिव्यांग हित में चलाए जा रहे योजनाओं को चिढ़ाता प्रशासन शिक्षक ने अपने पदस्थापना में परिवर्तन के लियॆ कलेक्टर जिला शिक्षा अधिकारी गरियाबंद से मुलाकात कर अभ्यावेदन दिया परंतु प्रशासन इनके आवेदन पर कार्यवाही की जगह दिव्यांग शिक्षक के साथ सीधे मुंह बात करना मुनासिब नहीं समझता।
वहीं छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने दिव्यांग शासकीय कर्मचारी को उसके जन्म स्थान के आसपास पदस्थापना देने का निर्णय दिया था।
जिसका पालन होता नहीं दिख रहा। ये कैसा दिव्यांगजन दिवस है जो एक दिव्यांग कर्मचारी के साथ अन्याय बरपा जा रहा उसके निवेदन को नहीं सुना जा रहा। क्या यही विष्णु का सुशासन है।
