गरियाबंद जिले में नेशनल लोक अदालत का हुआ सफल आयोजन,कुल 49 हजार 283 प्रकरणों का हुआ निपटारा

जिले में नेशनल लोक अदालत का हुआ सफल आयोजन
कुल 49 हजार 283 प्रकरणों का हुआ निपटारा
गरियाबंद 21 सितंबर 2024/ राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं छ.ग. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के आदेशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायपुर के अध्यक्ष तथा प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश रायपुर श्री अब्दुल जाहिद कुरैशी के निर्देश पर जिला एवं अपर सत्र न्यायालय गरियाबंद, किशोर न्याय बोर्ड गरियाबंद तथा राजस्व जिला गरियाबंद के राजस्व न्यायालयों एवं राजिम और देवभोग के न्यायालयों में आज नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। उक्त लोक अदालत हेतु तालुका विधिक सेवा समिति गरियाबंद द्वारा 04 खण्डपीठों का गठन किया गया था, तालुका विधिक सेवा समिति गरियाबंद के अध्यक्ष श्री यशवंत वासनीकर ने बताया कि उक्त लोक अदालत हेतु जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश गरियाबंद श्रीमती तजेश्वरी देवी देवागंन की गठित खण्डपीठ में कुल 72 लंबित एवं 801 प्रिलिटिगेशन प्रकरण रखे गये थे जिनमें मोटर दावा प्रकरण एवं अन्य 06 लंबित मामलों का निराकरण करते हुए 35 लाख 70 हजार रूपये का एवार्ड पारित किया गया। वही 117 प्रिलिटिगेशन प्रकरणों का निराकरण करते हुए 7 लाख 38 हजार 241 रूपये का एवार्ड पारित किया गया। इस प्रकार उक्त खण्डपीठ में कुल 123 प्रकरणों का निराकरण करते हुए कुल 43 लाख 08 हजार 241 रूपये का एवार्ड पारित किया गया। वहीं मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एवं व्यवहार न्यायधीश वरिष्ठ श्रेणी गरियाबंद श्रीमती छाया सिंह की गठित खण्डपीठ में 449 प्रिलिटीगेशन प्रकरण रखे गये थे तथा समरी मामले सहित 220 लंबित प्रकरण रखे गये थे जिनमें 95 लंबित मामलों का निराकरण करते हुए 2 लाख 70 हजार 500 रूपये की राशि अदा करायी गयी तथा कुल 85 समरी मामलों का निराकरण करते हुए 1 लाख 27 हजार 500 रूपये की राशि अदा करायी गयी। इस प्रकार कुल 180 प्रकरणों का निराकरण किया गया।
श्री प्रशान्त कुमार देवांगन न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी एवं व्यवहार न्यायधीश कनिष्ठ श्रेणी गरियाबंद की गठित खण्डपीठ में 503 प्रिलिटीगेशन प्रकरण रखे गये थे, जिनमें 21 प्रकरणों का निराकरण करते हुए 2 लाख 75 हजार 383 रूपये की राशि अदा करायी गयी तथा कुल 55 लंबित मामलों में से 10 लंबित मामलों का निराकरण करते हुए 2 लाख 75 हजार 383 रूपये की राशि अदा करायी गयी। उक्त प्रकरणों में विशेष रूप से पांच वर्ष से लंबित दो भाइयों के बीच चल रहे व्यवहार वाद प्रकरण का निराकरण किया गया। श्री प्रशान्त कुमार देवांगन प्रधान मजिस्ट्रेट किशोर न्यायालय गरियाबंद की गठित खण्डपीठ में राजीनामा योग्य लंबित 06 प्रकरण रखे गये थे जिसमें 01 प्रकरण का निराकरण किया गया तथा श्रीमती किरण पन्ना न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी एवं व्यवहार न्यायधीश कनिष्ठ श्रेणी देवभोग खण्डपीठ में 617 प्रिलिटीगेशन प्रकरण रखे गये थे, जिनमें 27 प्रकरणों का निराकरण करते हुए 3 लाख 22 हजार 900 रूपये की राशि अदा करायी गयी, कुल 36 लंबित प्रकरणों में से 25 लंबित प्रकरणों का निराकरण किया गया तथा कुल 243 समरी का निराकरण करते हुए 29 हजार 800 रूपये की राशि अदा करायी गयी, इस प्रकार कुल 295 प्रकरणों का निराकरण करते हुए कुल 3 लाख 52 हजार 700 रूपये की राशि अदा करायी गयी। इसी प्रकार श्री सचिन पॉल टोप्पो न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी एवं व्यवहार न्यायाधीश कनिष्ठ श्रेणी राजिम की गठित खण्डपीठ में 1 हजार 225 प्रिलिटीगेशन प्रकरण रखे गये थे, जिनमें 95 प्रकरणों का निराकरण करते हुए 10 लाख 12 हजार 78 रूपये की राशि अदा करायी गयी, कुल 444 लंबित प्रकरणों में से 286 लंबित प्रकरणों का निराकरण किया गया तथा कुल 188 समरी का निराकरण करते हुए कुल 569 प्रकरणों का निराकरण करते हुए कुल 10 लाख 12 हजार 78 रूपये की राशि अदा करायी गयी । इसके साथ ही राजस्व न्यायालयों में कुल 48 हजार 84 प्रकरणों का निराकरण किया गया है। इस प्रकार आज आयोजित नेशनल लोक अदालत में कुल 49 हजार 283 प्रकरणों का निराकरण किया गया।
तालुका अध्यक्ष श्री यशवंत वासनीकर ने यह भी बताया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायपुर के अध्यक्ष श्री अब्दूल जाहिद कुरैशी एवं सचिव श्री रमेश चौहान के द्वारा समय-समय पर दिये गये निर्देशानुसार अन्य विभागों के अधिकारियों द्वारा नेशनल लोक अदालत के अवसर पर जिला एवं अपर सत्र न्यायालय गरियाबंद के परिसर में विभिन्न विभागों के स्टॉल लगाये गये, जिसमें महिला बाल विकास विभाग द्वारा पोषण आहार के विभिन्न प्रकार के व्यंजन, रंगोली का प्रदर्शन किया गया, उद्यानिकी विभाग द्वारा विभिन्न प्रकार के फलदार एवं फुलदार पौधों एवं वृक्षों का वितरण किया गया, स्वास्थ्य विभाग द्व ारा लोक अदालत में आये गये पक्षकारों, अधिवक्ताओं, अधिकारियों, कर्मचाारियों एवं जन सामान्य का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। राजस्व न्यायालयों में गठित खण्डपीठों के पीठासीन अधिकारियों के द्वारा लोक अदालत के पूर्व से ही संबंधित पक्षकारों एवं अधिवक्तागण से प्री-सिटिंग कर इस लोक अदालत में अधिक से अधिक प्रकरणों के निराकरण हेतु काफी प्रयास किये गये। इस लोक अदालत को सफल बनाने में खण्डपीठों के पीठासीन अधिकारीगण, अधिवक्ता सदस्यगण और प्रकरणों से संबंधित अधिवक्तागण, न्यायालयीन कर्मचारियों, राजस्व अधिकारियों तथा प्रीलिटिगेशन प्रस्तुत करने वाले अन्य विभाग के अधिकारियों तथा कर्मचारियों एवं संबंधित पक्षकारों का सराहनीय योगदान रहा।