एसडीके एरिया कमेटी सदस्य- संतोष उर्फ लालपवन एवं सीनापाली एरिया कमेटी सदस्य- मंजू उर्फ नंदे, कुल 10 लाख ईनामी माओवादियों द्वारा गरियाबंद में आत्मसमर्पण।
नक्सल उन्मूलन अभियान के तहत शासन के आत्मसमर्पण व पुनर्वास नीति तथा गरियाबंद पुलिस के समर्पण अपील से प्रभावित होकर आज प्रतिबंधित संगठन सीपीआई माओवादी के डीजीएन डिवीजन में सक्रिय 02 हार्डकोर 05-05 लाख ईनामी माओवादियों द्वारा हिंसा एवं विनाश के मार्ग को त्याग कर आत्मसमर्पण किया जा रहा है। आत्मसमर्पित माओवादियों का विवरण निम्नानुसार है-*
*(01) संतोष उर्फ लालपवन -*
ग्राम-बण्डरपाली, थाना-आवापल्ली, जिला-बीजापुर का रहने वाला है।
वर्ष 2005 को आवापल्ली एरिया कमेटी सचिव- पुष्पा द्वारा इसे आवापल्ली एलओएस में शामिल किया गया। फिर दिसम्बर 2006 को इसे दलम का पार्टी सदस्य बनाया गया।
दिसम्बर 2006 को पार्टी सदस्य बनाकर इसे सीएनएम जो कि आवापल्ली व बासागुडा एरिया में सक्रिय था उसमें भेज दिया गया। सीएनएम में कार्य करने के दौरान इसे 2007 को एसीएम बनाया गया।
दिसम्बर 2008 को पुनः बदली कर 12वां प्लाटून में भेजा गया जहां इसे सेक्षन कमाण्डर पद दिया गया। ज्यादातर गंगालूर क्षेत्र में भ्रमण कर रहे थे। जून 2010 तक प्लाटून के साथ कार्य किया।
जून 2010 को ओडिसा-छ0ग0 सीमावर्ती स्टेट कमेटी में बदली किया तब 80 माओवादी कैडरों के साथ जुलाई 2010 को इंद्रावती-माड-कांकेर-धमतरी से होते हुये जिला गरियाबंद-नुआपाडा सीमा में पहुंचे।
सितम्बर 2010 को जिला गरियाबंद के ग्राम कुकरार और जिला नुआपाडा के पाताधारा के मध्य पहाडी क्षेत्र में सीसी-गणपति, सीसी-संग्राम, सीसी-बसवाराजू एवं सीसी-जम्पन्ना द्वारा मीटिंग कर सभी कैडरों को अलग-अलग संगठन में कार्य करने के लिये भेजा गया। इसे सीसी-संग्राम के प्रोटेक्षन में शामिल कर लिया गया।
सितम्बर 2010 से जनवरी 2019 तक सीसी-संग्राम के प्रोटेक्षन टीम में रहते हुये कार्य किया इस दौरान ज्यादातर गरियाबंद के ग्राम कुकरार, दडईपानी, ताराझर, भालूडिग्गी एवं जिला नुआपाडा के सोनाबेडा, भैंसमुण्डी, पाताधारा, काठपार, सिंदूरषील, कुंदनझरिया जंगल क्षेत्र में भ्रमण करते थे।
जनवरी 2019 को बदली कर इसे एसडीके एरिया कमेटी में भेज दिया गया, जहां सिर्फ 01 माह तक कार्य किया।
मार्च 2019 को पुनः बदली कर उदंती एरिया कमेटी में भेजा गया जहां पर मई 2021 तक कार्यरत् रहा।
मई 2021 को बदली होकर फिर से एसडीके एरिया कमेटी में आया जहां पर रहते हुये अब तक कार्य किया। 
गरियाबंद अंतर्गत माओवादियों के डीजीएन डिवीजन में सक्रिय रहने के दौरान विभिन्न घटनाओं में शामिल रहा-
ऽ मई-2018 को ग्राम आमामोरा में जनदर्षन षिविर का आयोजन होने के पूर्व पुलिस पार्टी पर आईईडी ब्लास्ट किये जिससे 02 पुलिस कर्मी शहीद होने की घटना
ऽ अगस्त-2021 को ग्राम देवझरअमली में भैंसागार्डन को तोडफोड कर आईईडी ब्लास्ट करने।
ऽ अगस्त-2021 अमलीपदर जाने वाले पक्की रोड में पेंड काटकर आईईडी लगाने।
ऽ दिसम्बर 2021 में ग्राम पीपलखुंटा के एनीकेट निर्माण कार्य में लगे गाडियों को आग लगाने।
ऽ दिनांक 31.07.2023 को सीसी-गणेश, चलपति के उपस्थिति में ग्राम बेसराझर के पहाडी में मुठभेड।
ऽ दिनांक 20-21.01.2025 को ग्राम बेसराझर मुठभेड में जिसमें सीसी-चलपति, एसजेडसी-सत्यम, गुड्डू, आलोक सहित कुल 16 माओवादी मारे जाने की घटना में।
ऽ दिनांक 11.09.2025 को ग्राम मेटाल के मुठभेड जिसमें सीसी-मनोज, एसजेडसी- प्रमोद उर्फ पाण्डु, ओडिसा स्टेट कमेटी सदस्य- विमल सहित कुल 10 माओवादियों के मारे जाने जैसे प्रमुख घटनाओं में शामिल रहा।
*(02) मंजू उर्फ नंदे -*
ग्राम-पेंटापाड, थाना-चिंतागुफा, जिला-सुकमा (छ.ग.) के रहने वाली है।
वर्ष 2002 से 2010 तक बाल संगठन में कार्यरत् रही।
वर्ष 2010 से 2011 तक पालेसेलमा एलओएस में पार्टी सदस्य के रूप में कार्यरत् रही।
वर्ष 2011 से 2014 तक सीएनएम में कार्यरत् रही।
वर्ष 2014 से 2018 तक आर्गेनाजेषन सिविल ड्रेस संगठन में कार्यरत् रही।
वर्ष 2018 से जनवरी 2021 तक किस्टाराम एलओएस में सक्रिय रही इसी दौरान इसे एसी सदस्य बनाया गया। जनवरी 2021 को मैनपुर-नुआपाडा संयुक्त डिवीजन में कार्य करने के लिये बदली किया गया। जिला गरियाबंद नंवबर 2021 को पहुंचे।
दिसम्बर 2021 से अब तक सीनापाली एरिया कमेटी में सदस्य के रूप जिला गरियाबंद-जिला नुआपाडा के सीमावर्ती क्षेत्र में कार्यरत् रही।
गरियाबंद अंतर्गत माओवादियों के डीजीएन डिवीजन में सक्रिय रहने के दौरान विभिन्न घटनाओं में शामिल रही-
ऽ दिनांक 31.07.2023 को सीसी-गणेश, चलपति के उपस्थिति में ग्राम बेसराझर के पहाडी में मुठभेड।
ऽ दिनांक 03.01.2025 को ग्राम काण्डसर मुठभेड जिसमें साथी नक्सली रोषन के मारे जाने।
ऽ दिनांक 09.05.2024 को ग्राम गरीबा के पास मुठभेड में नक्सली जग्गू उर्फ आकाष के मारे जाने।
ऽ दिनांक 11.09.2025 को ग्राम मेटाल के मुठभेड जिसमें सीसी-मनोज, एसजेडसी- प्रमोद उर्फ पाण्डु, ओडिसा स्टेट कमेटी सदस्य- विमल सहित कुल 10 माओवादियों के मारे जाने जैसे प्रमुख घटनाओं में शामिल रही।
शासन की आत्मसमर्पण-पुनर्वास नीति के समक्ष समर्पण करने पर पद अनुरूप ईनाम राशि की सुविधा, हथियार के साथ समर्पण करने पर ईनाम राशि की सुविधा, बिमार होने पर स्वास्थ्य सुविधा, आवास की सुविधा, रोजगार की सुविधा को देखते हुये हमारे कई माओवादी साथी (टिकेश, प्रमीला, लक्ष्मी, मैना, क्रांति, राजीव, ललिता, दिलीप, दीपक, मंजुला, सुनीता, कैलाश, रनिता, सुजीता, राजेन्द्र, दीपक, जानसी) एवं उदंती एरिया कमेटी के संपूर्ण साथी जैसे-सुनील, अरीना, लुदरो, विद्या, नंदनी, कांति, मलेष द्वारा अपने-अपने हथियारों के साथ आत्मसमर्पण कर शासन के इन्ही योजनाओं का लाभ उठा रहे है, जिसके बारे में हम लोगो को समाचार पत्रो व स्थानीय ग्रामीणों के माध्यम से जानकारी मिलता था। गरियाबंद पुलिस द्वारा जंगल-जंगल, गांव-गांव में प्रचारित समर्पण नीति के पोस्टर-पाम्पलेट प्राप्त होते थे, जिससे हम लोगों के मन में विचार आया कि हम लोग क्यों जंगल-पहाडो में दर-दर भटक रहे है। माओवादियों की खोखली हो चुकी विचारधारा, जंगल की परेशानियां, शासन की पुनर्वास नीति तथा अपने आत्मसमर्पित साथियों के खुशहाल जीवन से प्रभावित होकर हम दोनो भी अपने परिवार के साथ खुशहाल जीवन बिताने के लिए आत्मसर्मपण के मार्ग को अपनाये है।
ऽ दोनो नक्सलियों के आत्मसमर्पण में गरियाबंद पुलिस की म्30ए सीएएफ 19 बटा. इको कंपनी, 207 कोबरा एवं 65/211 बटा. ब्त्च्थ् का योगदान रहा।
ऽ गरियाबंद में सक्रिय समस्त माओवादियों से गरियाबंद पुलिस अपील करता है कि आप आत्मसमर्पण हेतु गरियाबंद के किसी भी थाना/चौकी/कैम्प में आत्मसमर्पण कर समाज के मुख्यधारा में वापस आयें।
ऽ आत्मसमर्पण के लिए इस नंबर पर सम्पर्क कर सकते हैः- नक्सल सेल गरियाबंद-94792-27805
