बस्तर की तरह एकता दिखाएं प्रदेश के शिक्षक….. बड़े और मूल मांगों के लिए एकजुटता के साथ राजधानी में करें आंदोलन का आगाज – जाकेश साहू

IMG-20251018-WA0010

रायपुर – बस्तर जेडी कांड पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश के कर्मचारी नेता एवं छत्तीसगढ़ जागरूक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष जाकेश साहू ने प्रदेशभर के शिक्षकों से यह अपील की है कि जिस प्रकार बस्तर जेडी राकेश पांडे ने यहां पर शिक्षकों को लगातार प्रताड़ित एवं परेशान किया।

उनके प्रताड़ना एवं दुर्व्यवहार से परेशान होकर बस्तर के शिक्षकों ने स्वस्फूर्त आंदोलन का आगाज कर दिया। और अचानक से हजारों की भीड़ की संख्या में रैली के साथ जेडी कार्यालय का घेराव किया।
यह खबर पूरे प्रदेश में आग की तरह फैल गई और कहीं ना कहीं इससे शासन प्रशासन भी हिल गई।
प्रदेश अध्यक्ष जाकेश साहू ने राज्यभर के समस्त शिक्षक साथियों से यह अपील की है कि वे सभी बस्तर के शिक्षक साथियों की एकता से सबक ले तथा हम शिक्षकों की मूल मांगे जिसमें सहायक शिक्षकों की वेतन विसंगति दूर करने, प्रथम सेवा गणना कर क्रमानती वेतनमान प्रदान करने एवं पुरानी पेंशन बहाल करने सहित समस्त मांगों के लिए दीपावली के बाद अर्थात 15 नवंबर के आसपास से एकरूपता दिखाते हुए राजधानी में स्वस्फूर्त आंदोलन का आगाज करना होगा।
क्योंकि हम प्रदेश भर के शिक्षक साथी विभिन्न संघ संगठन में बटे हुए हैं। ये कभी एक होंगे नहीं और यदि इनमें एकता हो भी जाती हैं तो उसमें अंदरूनी फुट रहती है। तथा मांगों के लिए लड़ने को तैयार नहीं होते। विगत 2018 के बाद लगभग 7 सालों तक कोई ऐसा बड़ा आंदोलन नहीं हुआ है जिससे शिक्षकों की मूल मांगे पूरी हो।
आज शिक्षकों को हर माह 15 से 20 और 25 हजार का बड़ा जबर्दस्त आर्थिक नुकसान हो रहा है। प्रांताध्यक्ष जाकेश साहू ने साथियों को आगे अपील करते हुए कहा है कि प्रदेश के सभी जिले और विकासखंडों के शिक्षक साथीयो को बस्तर के साथियों की तरह एकता दिखानी होगी और राजधानी में आकर अपनी मांगों के लिए एक बैठक करके आंदोलन की घोषणा करनी होगी।
एक निर्धारित तिथि से अनिश्चितकालीन आंदोलन की शुरुआत राजधानी से करनी होगी। जिससे कि हमारी मूल मांगे पूरी हो सके। हम यदि किसी लीडर या शिक्षक नेता का इंतजार या किसी संगठन का इंतजार करेंगे तो ऐसा होते नहीं दिखता। और समय बिताते जा रहा है।
समय दर समय शिक्षकों को नुकसान होते जा रहा है। इसलिए अब वह समय आ चुका है जब हम प्रदेश के सभी 1,80,000 शिक्षकों को संघ संगठन की बेड़ी को तोड़कर ….. अपने भविष्य और बेहतर जीवन के लिए एकता दिखाकर अपने हक और अधिकार के लिए खुद आगे जाकर लड़ना होगा।
इससे आंदोलन की अगुवाई करने वाले लीडर खुद-ब-खुद तैयार हो जाएंगे। हमें ना किसी लीडर और ना ही किसी नेता की जरूरत होगी। अपने आप में सभी शिक्षक एक बेहतर लीडर और नेतृत्वकर्ता हो सकते है। वे अपनी लड़ाई खुद लड़ेंगे। इसलिए सभी शिक्षकों से अपील की जाती है कि आप सभी अपने सुनहरे भविष्य को ध्यान में रखते हुए सहायक शिक्षकों की वेतन विसंगति, प्रथम सेवा गणना कर क्रमोन्नति और पुरानी पेंशन बहाली सहित अन्य समस्त मांगों के लिए दीपावली के बाद 15 नवंबर के आसपास एक निर्धारित तिथि से सीधे राजधानी रायपुर में स्वस्फूर्त अनिश्चितकालीन आंदोलन के लिए तैयार रहिए।