कुमरदा में भोजन भंडारा के साथ भागवत कथा सम्पन्न

कुमरदा में भोजन भंडारा के साथ भागवत कथा सम्पन्न
कुमरदा-स्थानीय ग्राम कुमर्दा के ग्रामीणों एवम महिला समूहों के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित श्रीमद्भागवत ज्ञान यज्ञ सप्ताह का समापन 3 जनवरी को अयोध्या धाम में सम्पन्न हुआ। भागवत ज्ञान यज्ञ का शुभारंभ गौकर्ण कथा से प्रारंभ हुई जो ध्रुव चरित्र प्रहलाद चरित्र श्रीकृष्ण जन्म सुदामा चरित्र रूखमणी विवाह परीक्षित मोक्ष तक प्रतिदिन सैकड़ों श्रोताओं ने संगीत मय भजनों के साथ कथा का रसपान किया।
अंतिम दिन कथा वाचक प कृपाशंकर मिश्र प्रतापगढ़ के दुवरा गीता सार का उपदेश बताया गया की कर्मयोगी मनुष्यों को बिना किसी फल की चिंता किये बगैर कार्य करना चाहिये।
भक्तियोग में मनुष्य को प्रभु की भक्ति बिना किसी लोभ या इच्छा के करना चाहिए और ज्ञान योग में सत्य असत्य के अंतर समझना चाहिये । भगवान श्री कृष्ण ने माघ एकादशी के शुक्लपक्ष को अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था जिसमे जीवन के मूल्यों नैतिकता आध्यात्मिक ज्ञान के अलावा मनुष्य को अपने कर्तव्य को पुरा करनी चाहिए बिना किसी फल के की इच्छा किये और हमे अपने जीवन मे सत्य न्याय और धर्म का पालन करने की सीख भी गीता से प्राप्त होती है।
उक्त उदगार कथावाचक श्री मिश्र जी नेअंतिम दिन गीता सार में कही।
पुर आयोजन के दौरान महिलाओं की भारी भीड़ रही ।आयोजन के अंतिम दिन भोजन भंडारा का भी आयोजन किया गया जिसमें भसक्तजन मुक्तहस्त से दान किये। कार्यक्रम की सफलता के लिये ज्ञानचंद साहू लष्मी नारायण साहू किशन साहू कांतिलाल साहू दिनेश ठाकुर आदि लोगो ने आभार व्यक्त किया है।