गाय चराने गए ग्रामीण को हाथी ने कुचला, वन विभाग की लापरवाही पर उठे सवाल।
धरमजयगढ़ – वन क्षेत्र में दहशत का माहौल धरमजयगढ़ वन मंडल अंतर्गत बोरो वन परिक्षेत्र के खम्हार उत्तर बीट से एक हृदयविदारक घटना सामने आई है। लोटान गांव के जंगल में बीती शाम करीब 5:30 से 6 बजे के बीच हाथी के हमले में एक अधेड़ ग्रामीण की दर्दनाक मौत हो गई। इस घटना के बाद पूरे क्षेत्र में भय और आक्रोश का माहौल है, वहीं वन विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार मृतक की पहचान लोकनाथ यादव (उम्र 55 वर्ष), पिता फिरूराम यादव, निवासी लोटान बकालो के रूप में हुई है। बताया जा रहा है कि लोकनाथ यादव वन विभाग में फेरवॉचर के रूप में कार्यरत दुर्योधन यादव के पिता थे। वह रोज़ की तरह अपने पालतू पशु गाय-भैंस चराने जंगल की ओर गए थे। लौटते समय अंधेरा और सन्नाटा होने के कारण अचानक उनका सामना हाथी से हो गया। पलभर में हाथी ने हमला कर ग्रामीण को कुचल दिया, जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई।
घटना के बाद गांव और आसपास के इलाकों में दहशत फैल गई है। ग्रामीणों का कहना है कि हाथियों का दल क्षेत्र में लगातार विचरण कर रहा है, लेकिन इसकी सही और समय पर जानकारी नहीं दी जाती। जैसे ही रात होती है, लोग घरों में कैद होने को मजबूर हो जाते हैं।
मामले की जानकारी लेने जब संबंधित बीट गार्ड लॉरेंस मिंज से फोन पर संपर्क किया गया, तो उन्होंने सिर्फ लोटान गांव का मामला है कहकर फोन काट दिया। इसके बाद उनसे संपर्क नहीं हो सका। इससे बीट स्तर पर निगरानी व्यवस्था और सूचना तंत्र पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि बीट गार्ड के क्षेत्र की जनता के साथ संबंध ठीक नहीं हैं, जिसके चलते हाथियों की आवाजाही की जानकारी समय पर साझा नहीं की जाती। न तो व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से सही सूचना दी जाती है और न ही वन अमला समय रहते गांव पहुंचता है। सूत्रों के अनुसार, घटना से एक दिन पहले हाथी के विचरण की गलत जानकारी व्हाट्सएप ग्रुप में साझा की गई थी। फेरवॉचर द्वारा सही जानकारी देने के बावजूद बीट गार्ड की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं की गई, जिससे यह हादसा हो गया।
घटना की सूचना मिलने पर वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे। शव का पंचनामा भरकर उसे पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेजा गया तथा मामले की जांच शुरू कर दी गई है।
प्रभारी रेंजर टी.पी. डनसेना ने बताया कि विभागीय निर्देशों के तहत वन विभाग के कर्मचारियों और ग्रामीणों की उपस्थिति में मृतक के परिजनों को 25 हजार रुपये की तात्कालिक आर्थिक सहायता प्रदान की गई है। साथ ही उन्होंने बताया कि क्षेत्र में अभी भी हाथियों का दल सक्रिय है, इसलिए ग्रामीण सतर्क रहें और हाथी दिखने या उनके आगमन की सूचना तुरंत वन विभाग को दें।
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या वन विभाग किसी और जान जाने के बाद ही पूरी तरह सतर्क होगा ? जंगल और गांव के बीच रहने वाले ग्रामीण खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं और वन विभाग से ठोस व प्रभावी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
