ऑनलाइन उपस्थिति के नाम पर शिक्षकों की निजता और अधिकारों से समझौता स्वीकार नहीं-फेडरेशन ।

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छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक समग्र शिक्षक फेडरेशन ने शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षकों से मोबाइल एप के माध्यम से ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज कराए जाने के निर्णय पर कड़ा विरोध दर्ज किया है। फेडरेशन का कहना है कि यह व्यवस्था अव्यावहारिक, असंवैधानिक तथा शिक्षकों के सम्मान और निजता के अधिकार के विरुद्ध है।

फेडरेशन ने शिक्षा विभाग से सीधा सवाल किया है कि

👉 ऑनलाइन उपस्थिति के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर जो टैबलेट/पीसी खरीदे गए थे, उनका वर्तमान में क्या उपयोग हो रहा है?

यदि शासन ने शिक्षकों के लिए टैबलेट खरीदे हैं, तो फिर शिक्षकों को अपने निजी मोबाइल फोन से उपस्थिति दर्ज करने के लिए बाध्य करना किस नियम और किस तर्क के अंतर्गत किया जा रहा है?

यह सरकारी धन की बर्बादी के साथ-साथ शिक्षकों के निजी संसाधनों के दुरुपयोग का भी गंभीर मामला है।

फेडरेशन ने स्पष्ट किया है कि यदि शिक्षा विभाग को शिक्षकों की उपस्थिति को लेकर संदेह है, तो उसका समाधान निजी मोबाइल का उपयोग कराना नहीं हो सकता।

विभाग चाहे तो

सभी स्कूलों में बायोमेट्रिक (थम्स) उपस्थिति मशीन लगवाए

अथवा सीसीटीवी कैमरे स्थापित कराए

➡️ इन दोनों ही व्यवस्थाओं में शिक्षकों को कोई आपत्ति नहीं है और फेडरेशन की ओर से पूर्ण सहयोग रहेगा।

फेडरेशन ने यह भी कहा कि मोबाइल एप के माध्यम से उपस्थिति दर्ज कराना निजता के अधिकार (Right to Privacy) का सीधा उल्लंघन है। निजी मोबाइल, निजी लोकेशन और निजी डाटा का उपयोग सरकारी कार्य में कराना संवैधानिक और नैतिक रूप से स्वीकार्य नहीं है।

साथ ही साइबर फ्रॉड, डाटा लीक और डिजिटल सुरक्षा के बढ़ते खतरे के बीच शिक्षकों को निजी मोबाइल पर सरकारी एप उपयोग करने के लिए मजबूर करना असुरक्षित और गैर-जिम्मेदाराना निर्णय है।

छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक समग्र शिक्षक फेडरेशन ने स्पष्ट किया है कि यह विषय किसी एक व्यक्ति या जिले का नहीं, बल्कि प्रदेश के समस्त सहायक शिक्षक एवं एलबी संवर्ग के सम्मान, अधिकार और गरिमा से जुड़ा हुआ मुद्दा है।

फेडरेशन के साथ प्रदेशभर के पदाधिकारी एवं सदस्य इस निर्णय के विरोध में पूरी तरह एकजुट हैं और सभी ने इसका सामूहिक समर्थन किया है।

फेडरेशन ने प्रदेश के सभी जिलों के शिक्षक संघों से आह्वान किया है कि वे एकजुट होकर इस अव्यावहारिक व्यवस्था का विरोध दर्ज कराएं, ताकि शासन तक यह स्पष्ट संदेश जाए कि शिक्षक अपने अधिकार और निजता से किसी भी स्थिति में समझौता नहीं करेंगे।

छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक समग्र शिक्षक फेडरेशन

रविंद्र राठौर,देवेंद्र हरमुख , राजू टंडन,मनीष मिश्रा,

शेषनाथ पाण्डेय,बसंत कौशिक,कौशल अवस्थी,अश्वनी कुर्रे ,सुरजीत सिंह चौहान ,सिराज बक्श,पुरुषोत्तम झाड़ी ,आदित्य गौरव साहू टिकेश्वर भोई,तरुण वैष्णव ,गोकुल जायसवाल, विजेंद्र चौहान रोशन सहारे ,नोहर चंद्रा, राजेंद्र वर्मा ,मनीष डडसेना, हुलेश चंद्राकार, उमा पाण्डेय , नेमी सिन्हा, दीनबंधु वैष्णव ,रूपिका रानी मरकाम, चंद्रप्रकाश तिवारी,दिलीप लहरें ,अशोक धुर्वे ,वीरेंद्र यादव ,पंकज लहरें,दिनेश नायक,अशोक नाग,राम नरेश अजगल्ले,कोमल साहू,रीता भगत ,महेश सेठी, दुर्गा वर्मा , मंजू देवांगन ,बुधनी अजय काशी नाथ बघेल ,यशवंत यादव, मनोज कश्यप,सीडी भट्ट ,रणजीत बनर्जी आलोक त्रिवेदी, त्रिपेश चापड़ी,संतोष यादव, केशरी पैकरा, प्रदीप पटेल, आशीष गुप्ता, यशवंत दुबे ,अभिजीत तिवारी ,हेमकुमार साहू छबि पटेल,इंद्रजीत शर्मा, बिहारीलाल बेरठ,राजेश मिश्रा,रामकृष्ण साहू, उत्तम बघेल,राजा राम पटेल, धनंजय सिंह,केशरीलाल पैकरा प्रदीप पटेल दिनेश नायक, अशोक नाग, रामनरेश अजगल्ले, कोमल साहूरीता भगत, नान्हू राजवाड़े, रविन्द्र गिरी,दीनबंधु वैष्णव आदि।

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